Hindi Shayari

घमंड कर Ghamand Kar – Tanhaji

भवानी के वीरों उठा लो भुजा को
सत्यागिनी को मस्तक सज़ा लो
स्वाहा हो शत्रु, प्रचंड मचा दो

शत्रु के लहू से
धरती का शृंगार कर
देश पर प्रहार है
प्रहार कर, प्रहार कर

घमंड कर, प्रचंड कर
तांडव सा युद्ध कर
युद्ध कर भयंकर

रा रा रा रा
रा रा रा..

घमंड से चलो
ना डरो, ना गिरो
काट सबको दिल से
जीत की ओर चलो

घमंड की पुकार है
ना डरो, ना डरो
दलदल में दम के
बढ़ चलो, बढ़ चलो

घमंड ही तेरे
शीश का श्रींगार है
चीर शीश सबके
बढ़ चलो, बढ़ चलो

घमंड से चलो
ना डरो, ना गिरो
काट सबको दिल से
जीत की ओर चलो

रक्त गिरेगा माटी तरेगी
प्यास बुझेगी हो
दुश्मन कटेगा, धरती सजेगी
देश सजेगा हो

रा रा रा रा
रा रा रा..

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