Hindi Shayari

तू कौन है

ये साँसे थर्र थराए
जो तू थामे मुझको
क्या है तू कोई सपना
या अपना कोई दिल के जो पास हो
आ रही हूँ मैं तू खिंचे मेरी डोर
दिल में बातें जो दबी हैं
कहनी है सब तुझसे
जो दिल में है तारे
आ कहदे तू मुझसे

तू कौन है
मुझे बतला तू
तू कौन है
झलक दिखा
क्या तू वही है जिसका मुझे था इंतेज़ार
कौन है
है क्या छिपा हाँ..

जो आज है यक़ीं वो ना कभी था मुझको
ख़ुद से रहे हमेशा
ना जाने कितने गिले मुझको
क्यूँ अलग हूँ सबसे इतनी क्यूँ औरों सी नहीं
क्या आज ही जवाब भी मिल जाएँगी मुझको
तू कौन है
ना डर ना फ़िकर है
मैं चल दूँ ले चल जहाँ
हो ना हो रबता कोई तो है अपना
तू कौन है
सच कर सपना

तू आ भी जा देखूँ तुझको
क्यूँ है तेरी चाहत मुझको
तू आ भी जा देखूँ तुझको
क्यूँ है तेरी चाहत मुझको

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