मखणा Makhna

ये भी ना जाने
वो भी ना जाने
नैनो के रंग नैना जाने
मिला जो संग तेरा
उड़ा पतंग मेरा
हवा में होके मलंग

जग की कोई रीत ना जाने
मैं तो बस तेरी हुई दीवानी
मिला जो संग तेरा
उड़ा पतंग मेरा
हवा में होके मलंग

मैं छोड़ आई घर-बार मेरा
ओ मखणा वे मखणा
अब तू ही है संसार मेरा
ओ मखणा वे मखणा
यह पागल सा है प्यार मेरा
ओ मखणा वे मखणा
मैं छोड़ आई घर-बार मेरा
ओ मखणा…

छोड़ आई घर-बार मेरा
ओ मखणा वे मखणा
अब तू ही है संसार मेरा
ओ मखणा वे मखणा
यह पागल सा है प्यार मेरा
ओ मखणा वे मखणा
मैं छोड़ आई घर-बार मेरा
ओ मखणा…

तेरी ही बातें हों
सुबह सी रातें हों
जब से मिला है तू
दिल को मिला सुकून
तू ही राह मेरी तू ही सफ़र है
तेरी बाहों में अब मेरा घर है

चैन ना जाने दर्द ना जाने
दिल तो बस दिल को पहचाने
मिला जो संग तेरा
उड़ा पतंग मेरा
हवा में होके मलंग

मैं छोड़ आई घर-बार मेरा
ओ मखणा वे मखणा
अब तू ही है संसार मेरा
ओ मखणा वे मखणा
यह पागल सा है प्यार मेरा
ओ मखणा वे मखणा
मैं छोड़ आई घर-बार मेरा
ओ मखणा..

छोड़ आई घर-बार मेरा
अब तू ही है संसार मेरा
यह पागल सा है प्यार मेरा
मैं छोड़ आई घर बार मेरा
ओ मखणा..

मैं छोड़ आई घर-बार मेरा
तू ही है संसार मेरा
यह पागल सा है प्यार मेरा
मैं छोड़ आई घर-बार मेरा
ओ मखणा..

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