RAM LALA LYRICS – Vishal Mishra | Shayari Web

तुलसी ने झूम के गायी
कोयी मस्त मग्न चौपायी
पागल हैं खुशी से नैना
घर आए मेरे रघुराई

हो राम चंद्र जहाँ ठुमक चले
हर्षित है वो आँगनायी
क्या सुनना है क्या कहना
घर आए रघुराई

अब आठों पहर तेरे
मंदिर में गुज़ारा है

नगरी है अयोध्या की
सरयू का किनारा है
मेरे राम लला हर दिन
तेरा ही नजारा है

नगरी है अयोध्या की
सरयू का किनारा है
मेरे राम लला हर दिन
तेरा ही नजारा है

सुखी नदी में जैसे
मछली बहे
नाथ बिन तेरे हम ऐसे
जीते रहे

हो.. आज बावरा तो होना
बनता है प्रभु
बन गए हैं फूल सारे
दर्द जो सहे

तेरी खड़ाऊँ सीश पे लेके
जोगी बने नाचे हम तू जो कहे
तू जितना भरत का था
उतना ही हमारा है

नगरी है अयोध्या की
सरयू का किनारा है
मेरे राम लला हर दिन
तेरा ही नजारा है

नगरी है अयोध्या की
सरयू का किनारा है
मेरे राम लला हर दिन
तेरा ही नजारा है

कन कन आज हुआ कौसल्या
दशरथ हुएं हैं पनघट पोखर
वो दिन आया जिसका रास्ता
नैनों ने देखा रो रो कर

सारे कोने सारे कूचे
भर दो दीपों से बिन पूछे
अपने राम लला आ जाए
जाने कौन गली से होकर

चल प्राण उसे दे दें
प्राणों से जो प्यारा है

नगरी है अयोध्या की
सरयू का किनारा है
मेरे राम लला हर दिन
तेरा ही नजारा है

नगरी है अयोध्या की
सरयू का किनारा है
मेरे राम लला हर दिन
तेरा ही नजारा है

सीयावर रामचंद्र की जय
राजा रामचंद्र की जय
सीया वर रामचंद्र की जय
राजा रामचंद्र की जय

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सीया वर रामचंद्र की जय
मेरे रामचंद्र की जय
राजा रामचंद्र की जय
सीया वर रामचंद्र की जय

सीया वर रामचंद्र की जय
राजा रामचंद्र की जय
सीया वर रामचंद्र की जय
राजा रामचंद्र की जय

गीतकार:
Vishal Mishra

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